History of Google (गूगल इतिहास

विश्व पर्यावरण दिवस कब मनाया जाता है और क्यों?

चित्र
विश्व पर्यावरण दिवस   विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर हमें प्राकृतिक संसाधनों के प्रति संवेदनशीलता और उनके संरक्षण के प्रति प्रतिबद्धता को मजबूत करने का समय है। इस दिवस को याद करते हुए, हमें पर्यावरण संरक्षण के लिए कदम उठाने और स्थायी समृद्धि के दिशानिर्देश निर्धारित करने का संकल्प लेना चाहिए। विश्व पर्यावरण दिवस को हर साल 5 जून को मनाया जाता है। इसकी शुरुआत 1972 में संयुक्त राष्ट्र की पर्यावरण सम्मेलन में हुई थी, जिसमें पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा देने के लिए एक संविधान बनाया गया था। इतिहास पर्यावरण दिवस का इतिहास 1972 में संयुक्त राष्ट्र की पर्यावरण और विकास समिति (UNEP) द्वारा स्थापित किया गया था। यह दिन प्रत्येक वर्ष 5 जून को मनाया जाता है और पर्यावरण संरक्षण की महत्वपूर्णता को जागरूक करने के लिए विश्वभर में उत्साह से मनाया जाता है। यह दिन पर्यावरण संरक्षण के लिए जागरूकता बढ़ाने, कार्यों को संबोधित करने और जागरूकता बढ़ाने का एक अच्छा मौका प्रदान करता है। आयोजन पर्यावरण दिवस के आयोजन में विभिन्न संगठन, सरकारी विभाग और समुदायों द्वारा विशेष कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। इनमें प्रद...

एनएचपीसी कंपनी क्या करती है?

एनएचपीसी लिमिटेड  

एनएचपीसी लिमिटेड एक भारतीय गैर-निगमी कंपनी है जो विभिन्न क्षेत्रों में कार्य करती है, जैसे कि इंजीनियरिंग, निर्माण, इंफ्रास्ट्रक्चर, ऊर्जा, और अन्य। यह उद्यम भारतीय सरकार के अधीन है और अपने उत्पादों और सेवाओं को विशेष रूप से विकसित करने में लगा हुआ है।
एनएचपीसी लिमिटेड की स्थापना 1975 में हुई थी। यह भारतीय सरकार द्वारा स्थापित की गई थी और इसका पूर्वनाम नैशनल हाइड्रोइलेक्ट्रिक पावर कारपोरेशन लिमिटेड था

स्थापित परियोजना

एनएचपीसी लिमिटेड ने अनेक हाइड्रोइलेक्ट्रिक पावर परियोजनाओं का विकास और प्रबंधन किया है। इनमें से कुछ प्रमुख परियोजनाएं शिमला, धौली सिंध, भाखरा-नंगल, नागाल, निम्बु डाम, एलबीआल आदि शामिल हैं। ये परियोजनाएं भारत के विभिन्न राज्यों में स्थित हैं और हाइड्रोइलेक्ट्रिक ऊर्जा के उत्पादन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं।

निर्माणाधीन परियोजनाएँ

एनएचपीसी लिमिटेड कई निर्माणाधीन परियोजनाओं पर काम कर रही है। कुछ प्रमुख निर्माणाधीन परियोजनाएं निम्बा डाम (नागालांड), तेह्रा डाम (उत्तराखंड), दिसंबर डाम (उत्तराखंड), झसीर लट (उत्तराखंड), धाक्रा गर्गा डाम (हिमाचल प्रदेश) आदि हैं। ये परियोजनाएं ऊर्जा उत्पादन और जल संचयन क्षेत्र में महत्वपूर्ण हैं।

कंपनी की उपलब्धियाँ

एनएचपीसी लिमिटेड की कई उपलब्धियाँ हैं। इसने भारत में हाइड्रोइलेक्ट्रिक ऊर्जा के क्षेत्र में व्यापक उत्पादन की गई है, जिससे ऊर्जा संबंधी आवश्यकताओं को पूरा किया जा सकता है। इसके पास उदारवादी परियोजनाएं, विकासशील वित्तीय मॉडल और ऊर्जा संरक्षण में निवेश करने की क्षमता है। इसके प्रोजेक्ट्स ने ऊर्जा और पर्यावरण के क्षेत्र में सकारात्मक परिणाम प्राप्त किए हैं।

 जल विद्युत निगम लिमिटेड 


सतलुज जल विद्युत निगम लिमिटेड (SJVN) भारतीय सरकार की एक सार्वजनिक क्षेत्र की ऊर्जा कंपनी है। यह हिमाचल प्रदेश में स्थित है और हाइड्रोइलेक्ट्रिक ऊर्जा के क्षेत्र में काम करता है। SJVN भारत के लिए ऊर्जा उत्पादन के लिए महत्वपूर्ण है और यह विभिन्न परियोजनाओं का प्रबंधन करता है, जिसमें बागेला, नाथपानी, तेह्रा, नदिंग, रम्भाग्ट, आदि शामिल हैं।

एसजेवीएन की भविष्य की परियोजनाएँ एवं योजनाएँ

एसजेवीएन (SJVN) भविष्य में कई परियोजनाओं और योजनाओं को ध्यान में रखता है। यह कंपनी अत्यधिक गति से हाइड्रोइलेक्ट्रिक परियोजनाओं का विकास कर रही है, जिसमें समुद्री अभियांत्रिकी का उपयोग भी शामिल है। कुछ प्रमुख परियोजनाएं और योजनाएँ शामिल हैं:
  1.  लहौल-स्पीति परियोजना: यह परियोजना हिमाचल प्रदेश में स्थित है और इसका निर्माण सतलुज नदी पर किया जाएगा।
  2.    किन्नौर हाइड्रोइलेक्ट्रिक परियोजना: इस परियोजना का मुख्य उद्देश्य किन्नौर जिले में हाइड्रोपावर उत्पादन को बढ़ावा देना है।
  3.    अन्य भावी परियोजनाएं: SJVN ने भविष्य में विभिन्न राज्यों में हाइड्रोपावर परियोजनाओं की योजना बनाई है, जिनमें जामुना, ब्रह्मपुत्र, गंगा, और अन्य नदियों के उपयोग का अध्ययन शामिल है।
ये परियोजनाएं भविष्य में भारत के ऊर्जा संबंधी आवश्यकताओं को पूरा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाए

ओंकारेश्वर बांध


ओंकारेश्वर बांध गुजरात में स्थित एक महत्वपूर्ण हाइड्रोइलेक्ट्रिक परियोजना है। यह बांध नर्मदा नदी पर स्थित है और गुजरात सरकार द्वारा प्रबंधित किया जाता है। इस परियोजना का उद्देश्य ऊर्जा उत्पादन को बढ़ावा देना और जल संचय करना है। इसके अलावा, यह बांध पानी की आपूर्ति, सिंचाई, और प्राकृतिक आपदा प्रबंधन के लिए भी महत्वपूर्ण है। ओंकारेश्वर बांध गुजरात के विकास और ऊर्जा स्वायत्तता में महत्वपूर्ण योगदान देने वाला एक महत्वपूर्ण परियोजना है।

बाँध एवं विद्युत गृह

बाँध एक संयंत्र होता है जो जल संचयन और जल प्रबंधन के लिए निर्मित किया जाता है। यह अक्सर नदी, नाला या नालाबंध के रूप में होता है जिसका मुख्य उद्देश्य पानी को धारावाही करना, ऊर्जा उत्पादन करना और जल का भंडारण करना होता है।

विद्युत गृह (Powerhouse) एक संयंत्र होता है जो ऊर्जा को उत्पन्न करता है। यहाँ पर विभिन्न ऊर्जा स्रोतों से ऊर्जा को उत्पन्न किया जाता है, जैसे कि जल, वायु, और बिजली जनरेटर्स द्वारा उत्पन्न की जाने वाली ऊर्जा को विद्युतीकरण करके बिजली उत्पादित की जाती है। इसमें अक्सर बिजली उत्पादन के लिए जल बांधों का उपयोग किया जाता है, जहाँ जल बांधों में जल के प्रवाह से उत्पन्न की गई ऊर्जा को बिजली में बदला जाता हैं!

रतले जलविद्युत संयंत्र


रतले जलविद्युत संयंत्र एक महत्वपूर्ण हाइड्रोइलेक्ट्रिक परियोजना है जो भारत में स्थित है। यह संयंत्र रतले नदी पर स्थित है और जम्मू और कश्मीर के रेला वाडी जिले में स्थित है। इसका निर्माण भारतीय सरकार और जम्मू और कश्मीर सरकार के संयुक्त प्रयासों से किया गया था। इस परियोजना का मुख्य उद्देश्य ऊर्जा उत्पादन करना और विकास के लिए जल संसाधनों का उपयोग करना है। यह एक प्रमुख ऊर्जा स्रोत है और भारतीय ऊर्जा संभावनाओं को बढ़ाने में महत्वपूर्ण योगदान देता है।

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

What is Artificial Intelligence?(आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस क्या है?)

History of uttrakhand (उत्तराखंड का इतिहास पौराणिक काल जितना पुराना है

How many rights are there in total?(कुल कितने अधिकार हैं?)